Monday, October 5, 2009

हिन्दी में

थोडे दिनों पहले विकल्प का लेख पढ़ा पिलानी के हिन्दी प्रेस क्लब के ब्लॉग पर| बहुत दिनों बाद हिन्दी में कुछ पढ़ा| उसके बाद प्रतीक माहेश्वरी का ब्लॉग पढ़ा| बहुत अच्छा लिखते हैं| तब से हिन्दी में लिखने का मन कर रहा था, इसलिए अगली रचना हिन्दी में| अब से इस चिट्ठे में थोड़ी हिन्दी, थोड़ी अंग्रेज़ी|

No comments:

Post a Comment